शरण के लिए अपील करने वाले दूसरे देशों में भारत को बदनाम करने का काम करते हैं: विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली
विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेशों में शरण के लिए आवेदन करने और शरण पाने वाले लोगों की वास्तविक संख्या के बारे में सरकार के पास सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। साथ ही सरकार का कहना है कि शरण के लिए अपील करने वाले दूसरे देशों में भारत को बदनाम करने का काम करते हैं। राज्यसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने यह जानकारी दी।

मंत्रालय ने सटीक संख्या नहीं होने को लेकर बताया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि संबंधित विदेशी सरकारें गोपनीयता और डेटा सुरक्षा कानूनों के कारण ऐसे आंकड़ों को साझा करने में असमर्थता का हवाला देती हैं। वरिष्ठ सदस्य कपिल सिब्बल ने सरकार से विगत तीन वर्षों के दौरान विदेशों में शरण मांगने वाले भारतीयों की कुल संख्या पर सवाल किया था। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह सच है कि वर्ष 2021 और 2023 के बीच संयक्त राज्य अमेरिका में शरण मांगने वाले भारतीयों की संख्या में 800 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और उनमें से आधे गुजरात से हैं।

इसके जवाब में सिंह ने कहा, 'शरण के लिए आवेदन करने वालों की संख्या और शरण पाने वाले लोगों की वास्तविक संख्या या शरण मांगने अथवा प्रदान करने के आधार के बारे में सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं है, क्योंकि संबंधित विदेशी सरकारें गोपनीयता और डेटा सुरक्षा कानूनों के कारण ऐसे आंकड़ों को साझा करने में असमर्थता का हवाला देती हैं।'

उन्होंने कहा, 'भारत सरकार का मानना है शरण चाहने वाले, विदेशी सरकार से शरण के लिए आवेदन करते समय व्यक्तिगत लाभ प्राप्त करने के लिए देश और समाज को बदनाम करते हैं जबकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जो सभी को अपनी शिकायतों का कानूनी तरीके से निवारण करने के लिए अवसर प्रदान करता है।'

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