केरल सरकार भूमि क्षरण को रोकने, पर्यावरण के संरक्षण के लिए योजनाएं बना रही है: विजयन

तिरुवनंतपुरम
 केरल में सत्तारूढ़ वाम दलों को लोकसभा चुनाव में बड़ा झटका लगने के एक दिन बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बुधवार को दावा किया कि वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) को 2019 के परिणामों की तुलना में वोट प्रतिशत में केवल एक प्रतिशत का नुकसान हुआ है लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतंत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के वोट पांच प्रतिशत कम हुए हैं।

माकपा के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केरल में त्रिशूर लोकसभा सीट जीतकर अपना खाता खोलने में सफल रही, क्योंकि कांग्रेस को उस निर्वाचन क्षेत्र में उसके 80,000 से अधिक वोट नहीं मिले।

उन्होंने कहा कि एलडीएफ ने त्रिशूर में वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव की तुलना में करीब 6,000 अधिक वोट हासिल किए।

भाजपा ने इस बार 74,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की।

उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘तो आप गणित लगा लीजिए।’’

गोविंदन ने इस सवाल को भी खारिज कर दिया कि क्या हार के बाद राज्य की वाम सरकार संकट में है।

उन्होंने कहा, ‘जीत और हार होती रहेगी।’

केरल की 20 सीट में से कांग्रेस ने 14 और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने दो सीट जीतीं।

माकपा, भाजपा, राष्ट्रीय समाज पार्टी (आरएसपी) और केरल कांग्रेस ने एक-एक सीट जीतीं।

माकपा के राज्य सचिव ने कहा कि माकपा और एलडीएफ आत्मनिरीक्षण करेंगी और वे यह पता लगाएगें कि वे क्यों हार गए। उन्होंने कहा कि वे केरल में अपनी पकड़ फिर से हासिल करने के लिए उचित कदम उठाएंगे।

उन्होंने आत्मविश्वास से कहा, ‘हम 2019 के लोकसभा चुनावों में हार गए थे, लेकिन उसके बाद राज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों में मजबूती से वापसी की और जीत हासिल की। हम इस बार भी ऐसा ही करेंगे।’

गोविंदन ने कहा कि एलडीएफ इस बात का भी पता लगाएगा कि कई निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा का वोट प्रतिशत कैसे बढ़ा।

वडकारा लोकसभा सीट पर माकपा नेता के के शैलजा की हार के बारे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वहां जीतने के लिए सांप्रदायिक हथकंडे अपनाए और जनता इसे समझ नहीं पाई।

उन्होंने मीडिया पर भी निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव नतीजों के बारे में उनकी भविष्यवाणियां गलत साबित हुईं क्योंकि भाजपा अपने दम पर सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीट नहीं जीत सकी जबकि ‘एग्जिट पोल’ में कहा गया था कि उन्हें 350 से 400 सीटें मिलेंगी।

गोविंदन ने दावा किया कि मीडिया ने खबरें देते समय कांग्रेस और भाजपा के सहयोगी के रूप में काम किया जिसके बावजूद एलडीएफ का वोट प्रतिशत केवल एक प्रतिशत कम हुआ।

 

 केरल सरकार भूमि क्षरण को रोकने, पर्यावरण के संरक्षण के लिए योजनाएं बना रही है: विजयन

केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कहा कि उनकी सरकार राज्य में भूमि क्षरण को रोकने और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए विभिन्न योजनाएं तैयार और कार्यान्वित कर रही है।

विजयन ने सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’ पर एक पोस्ट में कहा कि इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस का संदेश भूमि क्षरण को रोकना और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना है।

उन्होंने दावा किया कि नवउदारवादी आर्थिक व्यवस्था के रूप में, निजी पूंजीवादी ताकतों द्वारा अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए भूमि कब्ज़ा, अवैध अतिक्रमण और जलवायु परिवर्तन के कारण बड़े पैमाने पर भूमि का क्षरण हो रहा है।

विजयन ने कहा कि नीति निर्माण और कार्यान्वयन में व्यापक योजना के माध्यम से ही भूमि के क्षरण को रोका जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए सार्वजनिक भागीदारी की भी आवश्यकता है। केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा की सरकार इस उद्देश्य के लिए विभिन्न योजनाएं तैयार और कार्यान्वित कर रही है।’’

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक आवास ‘क्लिफ हाउस’ में एक पौधा भी लगाया।

 

 

 

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