शहडोल
तानाशाही पूर्ण कार्य प्रणाली और आए दिन न सिर्फ छात्राओं बल्कि महाविद्यालय शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक स्टाफ को अपने तुगलकी फरमानों से परेशान करने के लिए चर्चित रही शासकीय इंदिरागांधी कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य डॉक्टर श्रीमती उषा नेहा को आज निलंबित कर दिया गया। उन पर करोड़ों रुपए की वित्तीय अनियमितताएं किए जाने का आरोप लगा है।
मध्य प्रदेश के राज्यपाल के नाम से और आदेश अनुसार मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के अपर सचिव द्वारा जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि डॉ. उषा नीलम, प्राचार्य, शासकीय इंदिरा गांधी कन्या महाविद्यालय, शहडोल द्वारा प्राचार्य के पद पर पदस्थी के दौरान महाविद्यालय में भ्रष्टाचार करने, जनभागीदारी मद से लगभग राशि 13 करोड़ की वित्तीय अनियमितता की जाकर पद का दुरुपयोग कर नियम विरुद्ध कार्य करने, नियमविरुद्ध भर्ती कर उन्हें नियमित अध्ययन कराया जाकर शासन की छात्रवृत्ति का लाभ दिये जाने संबंधी शिकायत कलेक्टर, जिला शहडोल के प्रतिवेदन दिनांक 11.01.2024 में प्रथम दृष्ट्या सही पाई गई है।
जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता रहेगी
आदेश में कहा गया है कि डॉ. उषा नीलम, प्राचार्य, शासकीय इंदिरा गांधी कन्या महाविद्यालय, शहडोल के उक्त कृत्य म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 3 के विपरीत होने के कारण म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम-9 (1) (क) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है । निलंबनकाल में डॉ. उषा नीलम का मुख्यालय कार्यालय क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, जबलपुर संभाग, जबलपुर नियत रहेगा। निलंबन अवधि में डॉ. उषा नीलम को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता रहेगी।