जयपुर
प्रदेश की भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाए गए 9 जिलों को समाप्त कर दिया है। कैबिनेट के फैसले के बाद इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। जिले खत्म होने का असर पुलिस और प्रशासनिक ढांचे पर व्यापक स्तर पर पड़ा है। सरकार ने 7 महिला पुलिस थानों को भी बंद कर देने का निर्णय लिया है। हालांकि पुलिस मुख्यालय की ओर से जिले निरस्त किए जाने के बाद नए स्वीकृत किए गए महिला पुलिस थानों को समाप्त नहीं करने का प्रस्ताव भेजा था। वित्त विभाग ने इस प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया है। सात महिला पुलिस थाने खत्म होने के साथ 210 पद भी समाप्त हो गए।
जब थाने की नहीं तो नफरी क्यों
जिन 9 जिलों को समाप्त किया गया। उनमें से 7 जिलों में महिला थाने पूर्ववर्ती सरकार के समय स्वीकृत हो चुके थे। उन पुलिस थानों में एक एक एसएचओ, चार चार एएसआई और 30-30 पुलिसकर्मियों की नफरी भी स्वीकृत की गई थी। इसके लिए 210 नए पद स्वीकृत किए गए थे। नए पदों में 7 सब इंस्पेक्टर, 28 एएसआई, 21 हैड कांस्टेबल और 154 पुलिस कांस्टेबल के पद शामिल थे। अब इन पदों को समाप्त कर दिया गया है। वित्त विभाग का कहना है कि जब महिला थाने ही नहीं रहे तो अलग से नफरी की क्या जरूरत है।
ये जिले समाप्त किए थे सरकार ने
28 दिसंबर 2024 को प्रदेश की भाजपा सरकार ने गहलोत राज में बने 9 जिलों और तीन संभाग को समाप्त करने का फैसला लिया था। सीकर, बांसवाड़ा और पाली के संभाग के दर्जे को समाप्त किया गया था और दूदू, केकड़ी, गंगापुर सिटी, नीम का थाना, सांचौर, शाहपुरा, अनूपगढ, जोधपुर ग्रामीण और जयपुर ग्रामीण जिलों को भी निरस्त किया गया था। इन 9 जिलों में से जयपुर ग्रामीण और जोधपुर ग्रामीण को छोड़कर शेष सभी जिलों में महिला थाने खोले जाने का प्रावधान था लेकिन जिले निरस्त होने पर अब महिला थाने नहीं खुलेंगे।