मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में चित्रकूट के ग्रामोदय विश्वविद्यालय सभागार में श्रीरामचंद्र पथ गमन न्यास की प्रथम बैठक संपन्न हुई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि चित्रकूट का अयोध्या की तरह विकास होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैठक के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि 22 तारीख को अयोध्या में भगवान श्रीराम का गर्भगृह में प्रवेश कराएंगे। इसी के साथ हमने श्री राम वन पथ गमन न्यास की पहली बैठक की। इसमें श्री राम भगवान पथ गमन मार्ग के सभी स्थलों का विकास होगा। खास तौर पर चित्रकूट, अमरकंटक जैसे ज्ञात स्थल जहां भगवान की लीलाओं के प्रमाण भी मिलते है। न्यास की पहली बैठक में निर्णय किया कि कामता नाथ का परिक्रमा पथ हो या फिर चित्रकूट में अलग-अलग स्थलों के काम सभी काम को तुरंत शुरू कर रहे है। श्री राम वन पथ गमन के विकास की कार्य योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा।
सीएम ने कहा कि चित्रकूट सहित श्री राम वन पथ गमन मार्ग के सभी प्रमुख स्थलों का विकास किया जायेगा। इसके लिये पूरी कार्य योजना बनाकर उसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा। जिला स्तर पर भी बैठक करने को कहा है। साथ ही अलग-अलग विभाग जैसे पर्यटन, राजस्व, पंचायत को भी कार्ययोजना बनाने के लिए कहा गया है। इसमें अधोसंरचना विकास के कार्यों के साथ-साथ धार्मिक चेतना, आध्यात्मिक विकास और राम कथा से जुड़े आयामों को भी शामिल किया जायेगा। चित्रकूट का अयोध्या की तरह विकास करके इसे भगवान श्री राम के जीवन से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बनाया जायेगा।
सीएम ने कहा कि विद्वानों के परामर्श से श्री राम वन पथ गमन के प्रमुख स्थलों का विकास किया जायेगा। बैठक में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चित्रकूट के दीवाली मेले तथा अमावस्या मेले में श्री रामकथा और भगवान श्री राम के जीवन से जुड़ी प्रदर्शनी एवं राम वन पथ गमन से जुड़ी जानकारियां प्रदर्शित करायें। इनका व्यापक प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित करें।