रांची/चक्रधरपुर.
झारखंड में मंगलवार को एक बड़ा रेल हादसा हो गया। चक्रधरपुर रेल मंडल के राजखरसावां और बड़ाबाम्बो स्टेशन के बीच हावड़ा-मुंबई मेल एक्सप्रेस बेपटरी हो गई। इस हादसे में दो यात्रियों की मौत हो गई। कई दर्जन यात्री घायल हो गए। दरअसल, हावड़ा-मुम्बई मेल में लगे एलएचबी कोच के कारण ज्यादातर यात्रियों की जान बच गई। यह बात स्वयं रेलवे कर्मचारी स्वीकार कर रहे थे।
ट्रेनों में दो तरह के कोच लगते हैं। एक एलएचबी और दूसरा आईसीएफ कोच। दोनों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली तकनीक में अंतर होती है।
LHB कोच की क्या खासियत
एचएलबी कोच यात्रियों के लिए आरामदायक होते हैं। दुर्घटना की स्थिति में ये कोच कम क्षतिग्रस्त होते हैं और यात्रियों के सुरक्षित रहने की संभावना अधिक रहती है। दुर्घटना के दौरान कोच एक-दूसरे से टकराने के बाद सीधे खड़े रहते हैं। ये एक-दूसरे के ऊपर नहीं चढ़ते। एक ट्रेन में अधिकतम 22 कोच ही लग सकते हैं। ये स्टेनलेस स्टील की वजह से हल्के होते हैं। इसमें डिस्क ब्रेक का प्रयोग होता है। इसके रखरखाव में भी कम खर्च होता है। इसमें बैठने की क्षमता ज्यादा होती है। स्लीपर में 80, जबकि 3 एसी 72 सीटें होती हैं।
आईसीएफ कोच में ज्यादा नुकसान की आशंका
वहीं इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) सामान्य होता है और इसमें सफर करने के दौरान कोच में कंपन ज्यादा होती है। साथ ही, ट्रेन की स्पीड के साथ शोर भी काफी होता है। कोच में बर्थ की संख्या भी कम होती है। इसमें एयर ब्रेक का प्रयोग होता है। इसके रखरखाव में भी ज़्यादा खर्च होता है। दुर्घटना के बाद इसके डिब्बे एक के ऊपर एक चढ़ जाते हैं, क्योंकि इसमें डाउल बफर सिस्टम होता है। इससे ज्यादा नुकसान की आशंका रहती है।
सीएम के निर्देश पर स्वास्थ्य मंत्री ने घायलों का जाना हाल
हावड़ा-मुंबई ट्रेन हादसे के बाद की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, ट्रांसपोर्ट और एससी एसटी और ओबीसी कल्याण मंत्री दीपक बिरुवा व खरसावां विधायक दशरथ गागराई विशेष हेलीकॉप्टर से रांची से घटनास्थल पहुंचे और जानकारी ली। वहां से दोनों मंत्री चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल गये घायलों का हालचाल जाना और बेहतर इलाज का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जरूरत के अनुसार रेलवे को जरूरत की सभी सुविधा मुहैया करायेगी। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बोले थे कि ट्रेनों कवच लगाया जाएगा और दुर्घटना से दो सौ मीटर पहले ही चालक को सूचना मिल जायेगी। अगर कवच होता तो दुर्घटना नहीं होती। उन्होंने कहा कि आये दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं इसपर रेलवे को ध्यान देते हुए व्यवस्था को दुरुस्त करने की जरूरत है। रेलवे ने मृतक के परिजनों को दस-दस लाख, गंभीर रूप से घायलों को एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा की है।