मण्डला
नगरपालिका परिषद नैनपुर द्वारा शालेय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, जिसका समय बच्चों की बोर्ड परीक्षाओं के ठीक पहले रखा गया है। अभिभावकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या इस समय बच्चों के लिए परीक्षा की तैयारी करना संभव होगा, जब एक ओर खेलकूद प्रतियोगिता के आयोजन का दबाव होगा। यह प्रतियोगिता 11 जनवरी 2025 से 12 जनवरी 2025 तक जेआरसी मैदान में आयोजित की जाएगी, लेकिन इस समय तक बच्चों के प्री-बोर्ड और बोर्ड परीक्षा के लिए तैयारी करनी होगी।
नैनपुर विकास खंड में आयोजित होने वाली यह शालेय खेलकूद प्रतियोगिता बच्चों के शारीरिक विकास और खेल कौशल को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से है। इसमें विभिन्न स्कूलों के छात्र अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करेंगे और शारीरिक दक्षता के स्तर पर अपनी काबिलियत साबित करेंगे। इस तरह के आयोजनों से बच्चों को खेलकूद में आगे बढ़ने का अच्छा मौका मिलता है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह समय सही है, जब बच्चों के परीक्षा की तैयारी को लेकर अभिभावक चिंतित हैं।
अभिभावकों का कहना है कि स्कूलों में बच्चों के अध्ययन के साथ-साथ समय-समय पर खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन होना चाहिए, लेकिन जब परीक्षा इतनी करीब हो, तो इस प्रकार के आयोजनों का आयोजन बच्चों की पढ़ाई के साथ मेल नहीं खाता। विशेषकर कक्षा 10वीं और 12वीं के बच्चों के लिए यह एक अहम समय होता है, क्योंकि उनकी बोर्ड परीक्षाएं फरवरी में शुरू होनी हैं। प्री-बोर्ड परीक्षा 16 जनवरी 2025 से शुरू हो रही है, और कक्षा 9वीं और 11वीं की वार्षिक परीक्षाएं 3 फरवरी 2025 से शुरू होने वाली हैं। ऐसे में बच्चों को 7-8 दिन तक खेलकूद प्रतियोगिता में व्यस्त रखने से उनकी परीक्षा की तैयारी पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
इसके अलावा, यह भी चिंता का विषय है कि इस प्रतियोगिता के आयोजन के लिए अतिरिक्त विषय शिक्षकों को भी इस कार्य में शामिल किया गया है, जो कि बच्चों के पाठ्यक्रम पर ध्यान देने के बजाय खेलकूद गतिविधियों में व्यस्त होंगे। यह समस्या खासकर तब बढ़ जाती है जब शिक्षकों के लिए समय की कमी हो और परीक्षा के पूर्व बच्चों को पूरा ध्यान देने की आवश्यकता हो।
अभिभावकों का मानना है कि इस आयोजन को अक्टूबर-नवंबर में आयोजित किया जाना चाहिए था, जब बच्चों की परीक्षाएं दूर थीं और वे आराम से अपनी पढ़ाई और खेलकूद में समय बिता सकते थे। अब जब परीक्षाएं नजदीक हैं, तो यह आयोजन बच्चों के लिए परीक्षा की तैयारी में रुकावट डाल सकता है। अभिभावक यह भी कहते हैं कि अगर आयोजन के समय को लेकर उचित विचार किया जाता, तो बच्चों की पढ़ाई और खेल दोनों में संतुलन बना रहता।
इस आयोजन के पक्ष में यह तर्क दिया जा सकता है कि खेलकूद से बच्चों का मानसिक तनाव कम होता है और उनकी शारीरिक सेहत में सुधार होता है, जिससे वे अपनी पढ़ाई में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। हालांकि, यह समय बच्चों के लिए परीक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है और शायद इस आयोजन का समय पुनः निर्धारित किया जा सकता था।
कुल मिलाकर, नगरपालिका परिषद नैनपुर के अधिकारियों से यह उम्मीद की जा रही है कि वे बच्चों की शिक्षा और खेलकूद के बीच संतुलन बनाए रखें। बच्चों की परीक्षाओं से पहले खेलकूद की गतिविधियों को प्राथमिकता देने से पहले, बच्चों की शिक्षा के महत्व को समझते हुए इसे एक उपयुक्त समय पर आयोजित करना चाहिए।