पीथमपुर
फार्मा और कन्ज्यूमर हेल्थ प्रोडक्ट में दुनिया की नामी कंपनी हेलियॉन मध्य प्रदेश में बड़ा निवेश करने जा रही है। यूके बेस्ड इस कंपनी ने इंदौर के पीथमपुर में 40 एकड़ जमीन मांगी है। यहां 2 हजार करोड़ से अधिक के निवेश करने का प्लान है। बुधवार को कंपनी के प्रतिनिधि मंडल ने पीथमपुर के स्मार्ट इंडस्ट्रियल पार्क और फार्मा सेज पहुंचकर जमीन पसंद की है।
हेलियॉन ग्रुप के प्रतिनिधि पहुंचे इंडस्ट्रियल पार्क
हेलियॉन ग्रुप एशिया-पैसिफिक हेड कैथ मैकगिनिस, तकनीकी प्रमुख रणदेव गुणासिंघे, निदेशक अनूप ढींगरा, कार्पोरेट अफेयर निदेशक वैदिका कपूर और प्रोजेक्ट मैनेजर मोहित असाटी बुधवार को इंदौर पहुंचे। अधिकारियों से मिलकर उन्होंने पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र का दौरा किया।
मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआईडीसी) के कार्यकारी संचालक राजेश राठौर ने कंपनी के प्रतिनिधियों को प्रोजेक्ट, निवेश और रोजगार की जुड़ी जरूरी जानकारी दी।
CM मोहन यादव ने दिया था न्योता
मुख्यमंत्री मोहन यादव नवंबर के आखिरी सप्ताह निवेश प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत विदेशी कंपनियों को आमंत्रित करने इंग्लैंड, जर्मनी और इटली गए थे। इस दौरान उन्होंने हेलियॉन ग्रुप के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया था। जिसके बाद कंपनी ने एमपी में निवेश में इच्छा जताई है।
हेलियॉन ग्रुप के नहीं कोई प्लांट
हेलियॉन ग्रुप एशिया-पैसिफिक हेड कैथ मैकगिनिस ने बताया कि भारत में अभी हमारे स्वतंत्र प्लांट नहीं है। संयुक्त उपक्रम के तौर पर हमारी कंपनी यहां काम करती है। इंदौर के पीथमपुर में पहला प्लांट लगाना चाहते हैं।
कंपनी का अभी देश में एक भी प्लांट नहीं है, हालांकि संयुक्त उपक्रम के रूप में वह काम कर रही है। इस लिहाज से यूके की एक बड़ी कंपनी इंदौर से अपने कामकाज की शुरुआत करने जा रही है। कंपनी का 5 सदस्यीय दल आया है, जिसमें समूह के एशिया-पैसिफिक हेड कैथ मैकगिनिस, तकनीकी प्रमुख रणदेव गुणासिंघे, निदेशक अनूप ढींगरा, कार्पोरेट अफेयर निदेशक वैदिका कपूर और प्रोजेक्ट मैनेजर मोहित असाटी शामिल हैं।
टीम ने एमपीआईडीसी (मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) अफसरों के साथ पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र का दौरा किया। कार्यकारी संचालक राजेश राठौर ने उन्हें यहां चल रहे प्रोजेक्ट, निवेश और रोजगार की जानकारी दी।
सीएम की यात्रा में मिले न्योते के बाद आई है कंपनी
नवंबर के आखिरी सप्ताह में मुख्यमंत्री मोहन यादव निवेश के लिए विदेशी कंपनियों को आमंत्रित करने इंग्लैंड, जर्मनी और इटली गए थे। उस दौरान हेलियॉन ग्रुप के प्रतिनिधियों से उनकी चर्चा हुई थी। तभी कंपनी ने प्रदेश में निवेश में इच्छा जताई थी।