प्रदेश सरकारी स्कूलों में टीचरों को बोर्ड पर लगाने होंगे अपने फोटो, जानें इसके पीछे क्या है वजह?

भोपाल
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों को लेकर प्रशासन ने बड़ा आदेश जारी किया है. लोक शिक्षण संचालनालय ने आदेश दिया है कि प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों के बोर्ड पर टीचरों की फोटो लगानी होगी. ताकि, बच्चे अपने टीचर को पहचान सकें. गौरतलब है कि, सागर जिले में कुछ टीचर अपनी जगह किराये के लोगों से बच्चों को पढ़वा रहे थे. इसकी जानकारी लगते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया था. इसके बाद विभाग ने कई टीचरों को सस्पेंड भी कर दिया था. लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों ने इस आदेश का पालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही है.

बता दें, हाल ही में शिक्षा विभाग को जानकारी मिली थी कि सागर जिले में कुछ टीचर और जनशिक्षक स्कूल नहीं जा रहे. वे अपनी जगह कुछ दूसरे लोगों को भेजकर बच्चों की क्लास लगवा रहे हैं. विभाग ने जब इसकी जांच की तो यह जानकारी सही पाई गई. इसके बाद शिक्षा विभाग ने 3 जनशिक्षकों और 5 टीचरों को सस्पेंड कर दिया था. इन्होंने 3 से 5 हजार रुपए महीने मे दूसरे लोगों को अपनी जगह काम पर लगाया था. इस मामले में लापरवाही बरतने और निरीक्षण न करनें पर जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, संकुल प्राचार्य को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था.

इन पर चला सरकार का डंडा
जानकारी के मुताबिक, रूप सिंह चढ़ार, इंद्र विक्रम सिंह परमार,अनिल मिश्रा, जानकी तिवारी, अवतार सिंह ठाकुर ने अपनी जगह दूसरे लोगों को पढ़ाई के लिए रखा था. इन्होंने 3 से 5 हजार रुपये देकर किराए पर टीचर रख लिए थे. ये धांधली मुख्य तौर से जिले के खुरई, मालथौन, जैसीनगर, बिलहरा इलाकों से सामने आए. इन शिक्षकों का वेतन 50 से 70 हजार रुपये है. ये बच्चों को पढ़ाने कभी स्कूल नहीं गए.

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